जय गुरूदेव॥
आचार्य डाॅ. नरहरि प्रसाद
राशियों के गुण व स्वभाव
पित्त
1. मेष (Aries):- यह राशि पुरुष, जाति, क्षत्रिय-वर्ण, पूर्व दिशा की
स्वामिनी, अग्नि तत्त्व वाली, चर संज्ञक, लाल रंग वाली, अल्प संतति,
प्रकृतिकारक, अहंकारी, साहसी तथा मित्रों के प्रति दयालु है। इसके द्वारा मस्तक
का विचार किया जाता है।
2. वृष (Taurus) :- यह राशि स्त्री जाति, श्वेत वर्ण, दक्षिण दिशा की
स्वामिनी, भूमि तत्त्व वाली स्थिर संज्ञक, वैश्य वर्ण, स्वभाव में स्वार्थी, बुद्धिमत्ता
से काम लेने वाली है। इसके द्वारा मुँह का विचार किया जाता है।
3. मिथुन (Gemini):- पुरुष जाति, हरे रंग वाली, शूद्र वर्ण, पश्चिम
दिशा की स्वामिनी, वायु तत्त्व वाली, मध्य संतति, इसका स्वभाव शिल्पी तथा
विद्याध्ययनी है। इसके द्वारा शरीर के कंधों तथा बाजुओं का विचार किया
जाता है।
4. कर्क (Cancer):- यह राशि स्त्री जाति, शूद्र वर्ण, उत्तर दिशा की
स्वामिनी, कफ प्रकृति, बहुसंतान स्वभाव, सांसारिक उन्नति के लिए प्रयत्नशील
रहना तथा समय अनुसार चलना। इसका संबंध शरीर के वक्षःस्थल एवं गुर्दे
(Heart and chest) से है।
5. सिंह (Leo):- यह राशि पुरुष जाति, क्षत्रिय वर्ण, पूर्व दशा की
स्वामिनी, मित्र प्रकृति, अग्नि तत्त्व वाली, अल्प संतान वाली, प्रशासनिक स्वभाव
वाली, साहसी तथा दयालु है। इसके द्वारा शरीर के पिछले भाग अर्थात् पीठ का
विचार किया जाता है।
6. कन्या (Virgo):- यह स्त्री जाति, द्विस्वभाव, दक्षिण दिशा की
स्वामिनी, पृथ्वी तत्त्व, वायु तथा शीत प्रकृति, रात्रि बली तथा अल्प संतति है।
इसके द्वारा आंतों (Intestive) का विचार किया जाता है।
7. तुला (Libra):- यह राशि पुरुष जाति, श्याम वर्ण, चर संज्ञक, शूद्र
वर्ण, पश्चिम दिशा की स्वामिनी, वायु तत्त्व, क्रूर-स्वभाव, अल्प संतति, ज्ञानप्रिय
तथा राजनीतिज्ञ है। इसके द्वारा गुप्तांगों (Sex Part) का विचार किया जाता है।
8. वृश्चिक (Scorpio):- यह राशि स्त्री जाति, कफ प्रकृति, ब्राह्मण
वर्ण, उत्तर दिशा की स्वामिनी, स्थिर संज्ञक, रात्रिबली, हठी तथा दृढ़-प्रतिज्ञा
वाली है। इसके द्वारा जननेन्द्रियों का विचार किया जाता है।
9. धनु (Sagittarius):- यह राशि पुरुष जाति, पीला रंग, द्विस्वभाव, पूर्व
दिशा की स्वामिनी, क्षत्रिय वर्ण, दिग्बली, पित्त प्रकृति, अग्नि-तत्त्व, अल्प
संतानवाली, करुणामय स्वभाव, मर्यादोशील तथा अधिकार प्रिय। इसके द्वारा
जंघाओं (Thigh) का विचार किया जाता है।
10. मकर (Capricorn):- स्त्री जातिं, वैश्य वर्ण, दक्षिण दिशा की
स्वामिनी, पृथ्वी तत्व वाली, चल राशि, सरल स्वभाव तथा उच्च स्थिति की
आशा। इसके द्वारा घुटनों का विचार किया जाता है।
11. कुंभ (Aquarius):-पुरुष जाति, वायु तत्त्व वाली, शूद्र-वर्ण,
पश्चिम दिशा की स्वामिनी, मध्य सन्तान वाली, क्रूर, नवीन आविष्कार करने
वाली तथा स्थिर-राशि। इसके द्वारा पिंडलियों का विचार किया जाता है।
12. मीन (Pisces):- यह राशि स्त्री जाति, जल-तत्त्व वाली, ब्राह्मण
वर्ण, उत्तर दिशा की स्वामिनी, कफ प्रकृति, रात्रि बली, पीला रंग, दयालु और
दानशील इससे पैरों का विचार किया जाता है।
इन बारह राशियों में छह राशियां पुरुष एवं छहः स्त्री राशियां हैं।
पुरुष राशियां :- मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु एवं कुंभ (विषम संख्या
वाली राशि) अर्थात्- 1, 3, 5, 7, 9, 11 पुरुष राशियां हैं। इनमें उत्पन्न स्त्रियां
भी पुरुषों जैसा व्यवहार रखती हैं।
स्त्री राशियां:-वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर व मीन (सम संख्या
वाली राशियां) अर्थात् 2, 4, 6, 8, 10, 12 स्त्री राशियां हैं, इनमें जन्में पुरुष
स्त्रियों जैसा व्यवहार रखते हैं।
राशियों की विशा:- मेष, सिंह, धनु
वृष, कन्या, मकर
पूर्व दिशा कि राशियां।
दक्षिण दिशा की राशियां।
मिथुन, तुला, कुंभ - पश्चिम दिशा की राशियां।
कर्क, वृश्चिक, मीन - उत्तर दिशा की राशियां।
जिस प्रकार से पूर्व दिशा एवं पश्चिम दिशा एक दूसरे के विपरीत हैं उसी
प्रकार इनमें जन्म लेने वाले जातकों के गुण एवं स्वभाव भी विपरीत होते हैं।
जिस भी राशि की विपरीत राशि जाननी हो उस राशि में छह अंक जोड़
दें तो विपरीत राशि ज्ञात हो जाएगी।
उदाहरण के तौर पर:-
मेष, 1+6=7 सातवीं यानी तुला राशि है।
वृष, 2+6=8 वृश्चिक राशि
मिथुन, 3+6=9 धनु राशि
कर्क, 4+6=10 मकर राशि
कन्या, 6+6=12 मीन राशि
इसी प्रकार इसका उलटा समझें:-
तुला, 7-6 = 1 मेष राशि
वृश्चिक, 8-6-2 वृष राशि
धनु, 9-6=3 मिथुन राशि
मकर, 10-6-4 कर्क राशि
कुंभ, 11-6= सिंह राशि
मीन, 12-6=6 कन्या राश
संकलन - आचार्य डाॅ. नरहरि प्रसाद
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