।। जय गुरूदेव ।।
वृषभ राशी
वृषभ राशी का स्वामी शुक्र है
वृष राशी पृथ्वी तत्व, स्थिर राशी सम, सौम्य पृष्ठोदय स्त्री राशी चतुष्पाद राशी वर्ण वैश्य, स्थान जल पूर्ण खेत , दिशा दक्षिण रात्री बली राशी, प्रकृति वायु श्वेत रंग शुभ राशी चिन्ह सांड होता है।
वृषभ लग्न के जातक का शरीर मध्यम कद को होता है गोल मटोल, चैडा माथा, गर्दन मोटी व मजबूत होती है। नाक, गाल, होठ आकर्षक होंगे। बाल काले होंगे, रंग गेहुआॅ होगा या साफ रंग होगा। कंधे मजबूत होंगे, सुन्दर आकर्षक व्यक्तित्व होगा। आॅखे चमकदार होगी।
पृथ्वी तत्व होने के कारण इनमें सहन शक्ति अधिक होती है। लेकिन अगर इन्हे उकसाया जाये तो ये बहुत गुस्सा भी हो जाते है। यह कार्य करने मे धीमे होते हे। वे अपने कार्य को उचित ढंग से करने मे दृढ निश्चयी तथा परिश्रमी होते है। उत्साहित किए जोने पर यह जातक बहुत कुछ कर सकते है। किसी भी कार्य को करने के लिए वह तब तक प्रतिक्षा करते है जब तक कि वे ज्ञात नहीं कर लेते कि उस कार्य को करने कि लिए सही समय कब है। वृषभ लग्न के जातको के विचारों पर विश्वास किया जा सकता है क्योंकि वे बिना सोचे समझे कोई भी कार्य या निर्णय नहीं लेते है। यह खुली प्रवृति के ईमानदार लोग होते है।
वृषभ राशी वाले सदैव आराम चाहते है। यह अपनी उर्जा व्यर्थ नहीं करते है। इनमें आत्मशक्ति बहुत अधिक होती है। यह जातक शुभ अवसर का इतंजार करतेहै और उसका पूरा लाभ उठाते है। अगर लग्न में पाप ग्रहो का प्रभाव हो तो जातक आलसी होते है और अपने में मग्न रहते है। अच्छे खाने के शौकिन होते है। महत्वाकांक्षी और खुश मिजाज होते है।
अगर जातक का लग्न मजबूत है या कुण्डली मे शुक्र मजबूत है तो यह दिखने में बहुत आकर्षक होंगे तथा विपरीत लिंग इनको अपनी तरफ आकर्षित कर लेते है अपने जीवन साथी से प्यार करते हैा
लेकिन अगर लग्न पर पाप प्रभाव हो तो इनके बहुत नाजायज संबध भी हो जाते है यह व्यापारिक प्रवृति के होते है इनकी स्मरण शक्ति और कल्पना शक्ति कभी इन्हे धोखा नहीं देती है। संगीत, कला, सिनेमा आदि के शौकिन होते है पैसों को सावधानी से खर्च करते है। इनका स्वास्थ्य प्रायः ठीक ही रहता है पर जब यह बीमार होते है तो ठीक होने मे समय लगत जाता है। सौदर्य प्रसाधन, इत्र, गहने, रत्न, हीरे, कृषि, संगीतकार, नाटककार, फिल्म, रेस्टोरेंट आदि कार्य यह कर सकते है।
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