।।जय गुरूदेव।।
मिथुन राशी
मिथुन राशी का स्वामी बुध होता है मिथुन राशी वायु तत्व, द्विस्वभाव, विषम, क्रूर, शीर्षोदय राशी है। पुरूष राशी, द्विपाद राशी, वर्ण शूद्र राशी है। स्थान सोने का कमरा, दिशा-पश्चिम, रात्रिबली राशी, पाप राशी, रंग तोतियाॅ हरा, वायु प्रकृति है। राशी, भुजाएॅ, छाती के उपर का हिस्सा, कन्धे मिश्रित प्रकृति राशी है। चिन्ह स्त्री पुरूष का जोडा है।----------------------------------------------------------------------------
मिथुन राशी वाले कद काठी मे लम्बे तथा सीधे शरीर के स्वामी होगंे।
यह शरीर से दुर्बल होते है। इनके हाथ लम्बे, टांगे पतली होती है। रंग गेहुॅआ होता है। ये बहुत तेज तर्रार उधमी होते है। इनकी नाक लम्बी हो सकती है। जातक की काली आंखे और बाल घंुघराले होंगे। इसकी गर्दन मोटी होगी। वह तेज तेज चलता होगा और स्पष्ट शब्दों में बोलता होगा।
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वह चुस्त व चालाक होगा, दुविधा ग्रस्त मन वाला होता है। किसी भी विषय में प्रवीणता प्राप्त किए बिना भी सभी विषयों में जानकारी रखता होगा। वे नीवन विचारों तथा इच्छाओं के लिए सदैव तत्पर रहते है। वह विभिन्नता से प्रेम करते है व अपने कार्य क्षैत्र जल्द ही बदल लेते है। वे किसी भी विषय की गहराई में जाकर ज्ञान प्राप्त करते है। वे ऐसे किसी विषय में विश्वास नहीं करते जिन्हे उन्होंने स्वंय अनुभव न किया हो। परिस्थिति के अनुसार अपने को ढाल सकने में सक्षम होते है। मिथुन लग्न के जातक निर्णय लेने में देर लगाते है। क्योकि यह द्विस्वभाव राशी है। जातक एक से ज्यादा व्यवसाय कर सकते है।जातक किसी भी विषय को तुरन्त समझ जाते है तथा उसका विश्लेषण कर लेते है। स्वभाव से ये चंचल होते है। जातक अपने मस्तिष्क द्वारा तुरंत कार्य करने की शक्ति रखते है। जातक सदैव नई नई चीजों को जानने के लिए उत्सुक रहते है।
वह चुस्त व चालाक होगा, दुविधा ग्रस्त मन वाला होता है। किसी भी विषय में प्रवीणता प्राप्त किए बिना भी सभी विषयों में जानकारी रखता होगा। वे नीवन विचारों तथा इच्छाओं के लिए सदैव तत्पर रहते है। वह विभिन्नता से प्रेम करते है व अपने कार्य क्षैत्र जल्द ही बदल लेते है। वे किसी भी विषय की गहराई में जाकर ज्ञान प्राप्त करते है। वे ऐसे किसी विषय में विश्वास नहीं करते जिन्हे उन्होंने स्वंय अनुभव न किया हो। परिस्थिति के अनुसार अपने को ढाल सकने में सक्षम होते है। मिथुन लग्न के जातक निर्णय लेने में देर लगाते है। क्योकि यह द्विस्वभाव राशी है। जातक एक से ज्यादा व्यवसाय कर सकते है।जातक किसी भी विषय को तुरन्त समझ जाते है तथा उसका विश्लेषण कर लेते है। स्वभाव से ये चंचल होते है। जातक अपने मस्तिष्क द्वारा तुरंत कार्य करने की शक्ति रखते है। जातक सदैव नई नई चीजों को जानने के लिए उत्सुक रहते है।
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शोध कार्य, सम्पादक, पत्रकार, परिवहन, वाणिज्य, गणित, अध्यापक, प्रवक्ता, व्यापारी, दलाल आदि कार्य कर सकते है। इस लग्न के जातक अच्छे पति या पत्नी होते है परन्तु अपने जीवन साथी के अनुसार रहना इन्हे पसन्द नहीं। जातक की स्मरण शक्ति बहुत तेज होती है। धर्म में पूरा विश्वास रखते है लेकिन भाग्यवादी भी अधिक होते है। कर्म को पूजा समझते है तथा कर्म के बाद भाग्य से सुख समृद्धि व भौतिक सुखों को चाह रखते है। इस लग्न के जातक मित्र जल्दी बना लेते है।
क्रमशः............ कर्क राशी
शोध कार्य, सम्पादक, पत्रकार, परिवहन, वाणिज्य, गणित, अध्यापक, प्रवक्ता, व्यापारी, दलाल आदि कार्य कर सकते है। इस लग्न के जातक अच्छे पति या पत्नी होते है परन्तु अपने जीवन साथी के अनुसार रहना इन्हे पसन्द नहीं। जातक की स्मरण शक्ति बहुत तेज होती है। धर्म में पूरा विश्वास रखते है लेकिन भाग्यवादी भी अधिक होते है। कर्म को पूजा समझते है तथा कर्म के बाद भाग्य से सुख समृद्धि व भौतिक सुखों को चाह रखते है। इस लग्न के जातक मित्र जल्दी बना लेते है।
क्रमशः............ कर्क राशी
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