
Asharya Dr. Narhari Prasad
रूद्राभिषेक के लाभ

शिवपुराण, लिंगपुराण, यजुर्वेद रुद्राष्टाध्यायी एवं तंत्र शास्त्र के अनुसार प्रत्येक पदार्थ का अलग-अलग तात्त्विक और आध्यात्मिक प्रभाव होता है। क्रमवार लाभ निम्न प्रकार हैं:
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१. जलाभिषेक
🔹 अर्थ: सामान्य शुद्ध जल से अभिषेक
🔹 लाभ: मन की शुद्धि, मानसिक शांति, पापों का क्षय, रोग और कष्टों से मुक्ति का प्रारंभ।
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२. दुग्धाभिषेक
🔹 अर्थ: गाय के दूध से अभिषेक
🔹 लाभ: दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य, वंश वृद्धि, पितृ दोष शांति, शनि दोष शांति, चंद्रमा शांति।
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३. दध्याभिषेक (दही)
🔹 अर्थ: ताजे दही से अभिषेक
🔹 लाभ: संतान सुख, विवाह में विलंब दूर, शुक्र बल, आकर्षण शक्ति और पारिवारिक सुख।
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४. घृताभिषेक (घी)
🔹 अर्थ: गाय के घी से अभिषेक
🔹 लाभ: रोग नाश, बल, तेज, आयु वृद्धि, काया स्वस्थता, अग्नि तत्व शुद्धि।
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५. मध्वभिषेक (शहद)
🔹 अर्थ: शुद्ध शहद से अभिषेक
🔹 लाभ: वाणी में माधुर्य, वाक् सिद्धि, समाज में मान-सम्मान, शत्रु शमन, रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि।
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६. शर्करा मिश्रित जलाभिषेक
🔹 अर्थ: मिश्री या चीनी मिश्रित जल से अभिषेक
🔹 लाभ: पारिवारिक सामंजस्य, मीठे संबंध, मन और विचारों में मधुरता, क्रोध का शमन।
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७. इक्षुरसाभिषेक (गन्ना रस या गुड़ मिश्रित जल)
🔹 अर्थ: गन्ना रस या उसके अभाव में गुड़ मिश्रित जल से अभिषेक
🔹 लाभ: आर्थिक वृद्धि, ऋण मुक्ति, व्यवसाय में लाभ, अन्न धन की प्राप्ति।
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८. केशर मिश्रित दुग्धाभिषेक
🔹 अर्थ: केसर मिलाकर दूध से अभिषेक
🔹 लाभ: अत्यधिक पुण्य फल, विशेष लक्ष्मी कृपा, पद-प्रतिष्ठा, उच्च पद प्राप्ति, यश वृद्धि।
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९. फलरसाभिषेक (फलों का रस)
🔹 अर्थ: मौसमी फलों के रस से अभिषेक
🔹 लाभ: सर्वसिद्धि, भोगों की प्राप्ति, संकल्प सिद्धि, मानसिक और भौतिक सुख।
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१०. पंचामृताभिषेक (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर का मिश्रण)
🔹 अर्थ: पंचामृत से अभिषेक
🔹 लाभ: पंचतत्व शुद्धि, समस्त ग्रह शांति, आरोग्य, ऐश्वर्य, वंश वृद्धि, दीर्घायु, सुख समृद्धि, और भगवान शिव का संपूर्ण अनुग्रह।
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**🌺 सारांश
रूद्राभिषेक में क्रमशः जल, दुग्ध, दधि, घृत, मधु, शर्करा, इक्षुरस, केसर, फलरस और पंचामृत से अभिषेक करने से
ग्रह दोष शांति
ऋण मुक्ति
व्यवसाय में वृद्धि
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य
संतान प्राप्ति एवं लक्ष्मी कृपा एवं मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
Acharya Narhari Prasad @Bhagwati Vedic Service Rewtra
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